COVID 19 JN1 हल्के में न लें, आ सकते हैं खतरनाक नतीजे

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COVID 19 JN1

COVID 19 JN1 Do not take lightly dangerous consequences may occur

COVID 19 JN1 देश में एक बार फिर कोविड-19 का शिकंजा कस रहा है। हालांकि पिछले काफी समय से इसके जो वेरिएंट आए वह बहुत अधिक घातक नहीं रहे जिसके चलते लोग कोरोना के नए वेरिएंट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व अधिकारी ने इसके हल्के में न लेने की या सामान्य सर्दी का असर समझने की भूल न करने की चेतावनी दी है।  

तेजी से बढ़ रही है COVID 19 JN1 की स्पीड

जेएन.1 जो कि कोरोना का एक सब-वैरिएंट है और लगभग दो महिने पहले सामने आया है। इसका असर शुरू में काफी कम था। आंकड़ों पर गौर करें तो 30 अक्टूबर 2023 से 5 नवंबर 2023 के बीच कोरोना वायरस के फैलाव में इससे जुड़े मामलों में इसका केवल 3.3 प्रतिशत असर था लेकिन अब लगभग एक महीने बाद इसके करीब 27 प्रतिशत मामले हैं। कह सकते हैं कि इसके प्रसार में लगभग 86 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जो कि एक खतरनाक संकेत है।

जेएन.1 संस्करण के रूप में भारत में कोविड की एक नई लहर आ सकती है और कोरोना के मामलों में तेजी से ​​​​वृद्धि हो सकती है। डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि नए वैरिएंट के असर को ‘सामान्य सर्दी’ के रूप में खारिज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘आइए इस बार चीजों को हल्के में न लें।’

COVID 19 JN1 के बारे में 5 बातें

डॉ. स्वामीनाथन ने कहा है, ”यह आम सर्दी की परेशानियों से बहुत अलग है, ऐसा न केवल लोगों के तीव्र कोविड निमोनिया से गंभीर रूप से बीमार होने के कारण, बल्कि कोविड के दीर्घकालिक प्रभावों के कारण भी है।

वैज्ञानिक का कहना है कि उन्हें लगता है कि अब हमारे पास यह जानने के लिए दुनिया भर से पर्याप्त डेटा है कि जो लोग कोविड से पीड़ित हैं और विशेष रूप से जिन्हें बार-बार संक्रमण होता है, उन्हें उदाहरण के लिए दिल का दौरा, स्ट्रोक, मधुमेह, मनोभ्रंश, अवसाद होने की अधिक संभावना है। इसके चलते मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, लंबे समय तक थकान और मांसपेशियों में दर्द… अपनी सामान्य कामकाजी स्थिति में वापस जाने में असमर्थता की स्थिति भी आ सकती है।

JN1 को लेकर सतर्क रहें

इसीलिए वह इसे हल्के में न लेने की बात कह रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमें ‘सतर्क’ रहना चाहिए लेकिन ‘घबराना नहीं’ चाहिए।

उन्होंने कहा उन्हें लगता है कि हमें जो करने की ज़रूरत है वह सामान्य निवारक उपाय करने का प्रयास करना है जिससे हम सभी अब परिचित हैं। हम ओमीक्रॉन से परिचित हैं, इसलिए यह वायरस भी एक ही परिवार से है। इसलिए बहुत कुछ नहीं बदला है, लेकिन 1 या 2 नए उत्परिवर्तन सामने आए हैं। और इसीलिए उन्हें लगता है कि इस पर नजर रखी जानी चाहिए जैसा कि डब्ल्यूएचओ ने भी कहा है। यह रुचि लेने का विषय है। चिंता करने का नहीं है।

मास्क जरूरी

उन्होंने संक्रमण से बचने के लिए सावधानियों की सलाह देते हुए कहा, “बिना मास्क के जहरीले लोगों के साथ बहुत खराब वेंटिलेशन वाले बहुत बंद वातावरण में रहने से बचें। इसलिए यदि आप उस प्रकार के बहुत करीब सेटिंग में हैं तो मास्क पहनें क्योंकि लंबे समय तक किसी के संपर्क में रहना संक्रमित होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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