Kanpur news: सिलेबस नहीं, जर्नलिज्म है जिंदगी, DainikJagran के Editoruttarpradesh की बड़ी बात

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दैनिक जागरण प्रणीत जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड मॉस कम्युनिकेशन साकेतनगर, कानपुर में मंगलवार को नये बैच के ओरिएंटेशन प्रोग्राम के अवसर पर मुख्य वक्ता दैनिक जागरण के संपादक उत्तर प्रदेश आशुतोष शुक्ल को प्रतीक चिह्न भेंट करते जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डा. जगन्नाथ गुप्त। साथ में हैं, विशिष्ट अतिथि उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय समन्वयक डा. रेखा त्रिपाठी।

Kanpur news: दैनिक जागरण के संपादक उत्तर प्रदेश आशुतोष शुक्ल ने आज Kanpur में पत्रकारिता के नवागंतुक छात्रों से कहा कि जर्नलिज्म सिलेबस नहीं है, जर्नलिज्म जिंदगी है। जो जिंदगी है, वही जर्नलिज्म है। श्री शुक्ल जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड मॉस कम्युनिकेशन साकेतनगर, कानपुर में मंगलवार को नये बैच के ओरिएंटेशन प्रोग्राम को सम्बोधित कर रहे थे।

पिता व गुरु की डांट में छिपी है रोशनी

मुख्य वक्ता आशुतोष शुक्ल ने कहा संपादक पिता व गुरु की डांट लाइट हाउस की तरह आपको तब रोशनी दिखाएगी, जब आप अपने करियर की सीढियां चढ़ रहे होंगे। चिकित्सा और पत्रकारिता के अलावा तीसरा कोई ऐसा प्रोफेशन नहीं, जो खुद पर गर्व व संतोष करने का हर चौथे, आठवें दिन मौक़ा दे। जब भी आप किसी दबे कुचले, पीड़ित या वंचित की आवाज बनते हैं और उसे न्याय दिलाते हैं तो आपको खुद पर गर्व होता है।

दैनिक जागरण संपादक उत्तर प्रदेश ने अच्छे साहित्य का अध्ययन करने पर जोर दिया ताकि भाषा पर उनकी पकड़ मजबूत हो सके। श्री शुक्ल ने कहा कि आभासी दुनिया से निकलकर जब वह वास्तविक दुनिया के धरातल पर आएंगे तो उन्हें उनके आसपास घटित हो रही घटनाओं का अहसास होगा।

हर दिन एक खबर

आशुतोष शुक्ल ने कहा कि जब भी आप प्रकृति के करीब हों अपने आसपास से आ रही आवाजों को सुनें, महसूस करें उस मनोरम दृश्य को मोबाइल में कैद करें। मित्रों के साथ खूब डिबेट करें। अपनी समझ का विकास करें। हर दिन एक खबर लिखें, ऐसा एक साल तक करें। फिर खुद की समीक्षा करें कि पहली बार उन्होंने क्या लिखा था।

UPRTOU की क्षेत्रीय समन्वयक डा. रेखा त्रिपाठी

Kanpur news: कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की क्षेत्रीय संयोजक डा. रेखा त्रिपाठी ने कहा कि मान लिया तो हार गए. ठान लिया तो जीत।

उन्होंने कहा कि आज जिस प्रोफेशन के लिए वह जिम्सी में सीखने आए हैं। उन्हें पहले खुद को मजबूत कर लेना है कि इस चुनौतीपूर्ण करियर के लिए ही उनका जन्म हुआ है और वह चुनौतियों से घबड़ाकर खुद को कमजोर नहीं पड़ने देंगे बल्कि मजबूत इच्छाशक्ति के साथ इस क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करेंगे। उन्होंने अंत में कहा वो खुद ही जान जाते हैं बुलंदी आसमानों की ,परिंदों को दी नहीं जाती तालीम उड़ानों की।

सीईओ डा. जगन्नाथ गुप्त बोले

इस अवसर पर जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डा. जगन्नाथ गुप्त ने दैनिक जागरण के संपादक उत्तर प्रदेश आशुतोष शुक्ल को इंगित करते हुए कहा कि दैनिक जागरण के पत्रकारों की लेखनी न रुकती है, न झुकती है और ना ही थकती है। पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से प्रवेश कर रहे एआई और चैट जीपीटी के प्रयोग की बारीकी को समझना होगा और इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने देना होगा। ठीक उसी तरह से जैसे मोबाइल को अपनी कमजोरी न बनाकर उसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना आना चाहिए।

इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों ने इंस्टीट्यूट के लॉन में पौधरोपण कार्यक्रम में भाग लिया और पौधरोपण कर एक वृक्ष की परिवरिश को दस पुत्रों की परवरिश से श्रेष्ठ बताया। अतिथियों ने कहा कि सभी को एक वृक्ष लगाकर उसकी उचित ढंग से परवरिश करनी चाहिए।

जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एण्ड मॉस कम्युनिकेशन (JIMMCKANPUR) के डायरेक्टर डा. उपेंद्र ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (JIM) की डायरेक्टर डा. दिव्या चौधरी भी उपस्थित रहीं। इसके अलावा जिम्सी के फैकल्टी मेम्बर एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्ण वाजपेयी, असिस्टेंट प्रोफेसर धीरज शर्मा, रामजी वाजपेयी, ग्राफिक एडीटर अक्षिता वर्मा उपस्थित रहीं।

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