Media workshop एंकरिंग के लिए जरूरी है खूबसूरत स्क्रिप्ट, अपनी आवाज को बनाएं खुद की पहचान
Media workshop: Radio Jaighosh संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिम्सी कानपुर की मीडिया वर्कशाप चौथे दिन शुक्रवार को लखनऊ दूरदर्शन के सहायक निदेशक अनुपम पाठक ने बताया कि मौजूदा दौर में सफल पत्रकार वही है जो अपनी बात कम से कम शब्दों में आसानी से लोगों तक पहुंचा सके। इस क्रम में एमिटी स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन के डायरेक्टर डॉ.संजय मोहन जौहरी ने तथ्य आधारित पत्रकारिता पर जोर दिया। 27 जून से 2 जुलाई तक उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में आयोजित मीडिया वर्कशाप में अनुपम पाठक ने बताया कि रेडियो-टीवी की पत्रकारिता के इच्छुक लोगों को चाहिए कि वह अपनी कुदरती आवाज को पहचाने और उसे विकसित करें। किसी भी एंकर या आर.जे. की आवाज ही उसकी पहचान होती है, इसलिए किसी दूसरे की नकल करने के बजाए उसे अपना लहजा विकसित करना चाहिए।
Voice modification का महत्व
दूरदर्शन के सहायक निदेशक के अनुसार समाचार पढ़ने के दौरान आवाज का उतार-चढ़ाव और अंतराल का बहुत महत्व होता है जिसका ध्यान रखना चाहिए। जिस तरह एक मेकअप से चेहरे में आकर्षण लाया जा सकता है उसी तरह एंकर की संयमित आवाज से खबर के सौन्दर्य को भी बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने इब्ने इंशा की लोकप्रिय रचना “एक छोटा सा लड़का था मैं जिन दिनों, एक मेले में पहुंचा हुमकता हुआ” सुना कर भाव, विचार और अभिव्यक्ति का अंदाज बयां किया।
Media workshop में आमंत्रित डॉ.संजय मोहन जौहरी ने बताया कि हर पत्रकार को चाहिए कि वह कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने जैसे प्रश्नों का उत्तर अपने समाचार में जरूर दे।
डिजिटली लिटरेट करें Journalist
डॉ.संजय मोहन जौहरी ने कहा पत्रकारिता का ध्येय क्रान्ति लाना हरगिज़ नहीं है वह तो बस तथ्यों पर आधारित समाज को एक दिशा देने वाला माध्यम भर है। उनके अनुसार कोरोनाकाल में मीडिया ने अपने को तेजी से आधुनिक किया है। ऐसे में पत्रकारों को भी चाहिए कि वह अपने को जल्द से जल्द “डिजिटली लिटरेट” करें।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सिटिजन रिपोर्टर ने भी तेजी से मीडिया जगत में अपनी खास जगह बना ली है। इस कार्यशाला के चौथे दिन जिम्सी कानपुर के एसोसिएट प्रो.रामकृष्ण बाजपेई, आर.जे.राधेश्याम दीक्षित, आर.जे.समरीन, रेडियो जयघोष के समन्वयक डॉ.दुर्गेश पाठक सहित अन्य उपस्थित रहे।