New Radio Jimmc Kanpur: शुरू हुआ 3 माह का सर्टिफिकेट कोर्स
New Radio Jimmc Kanpur: जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मॉस कम्युनिकेशन में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम के मुख्य अतिथि आरजे Raghu Raftaar (@raghuraftaar) थे। पहले बैच के छात्रों के बीच लोकप्रिय आरजे रघु रफ्तार को पाकर छात्रों का उत्साह बढ़ गया। आरजे रघु ने छात्रों को New Radio कोर्स को लेकर कई टिप्स दिये। पहले बैच के छात्रों में शीतल कौर, जोया, हर्ष पांडे, शाश्वत खन्ना और सुनील मंगल आदि उपस्थित रहे। सुनील मंगल की बात करें तो वह पैरों से दिव्यांग हैं करीब सौ देशों की यात्रा कर चुके हैं। बीस देशों में भारत को रिप्रजेंट कर चुके हैं। लेकिन न्यू रेडियो की इस विधा को जानने और इसे अपनाने की ललक आज भी उन्हें एक छात्र के रूप में यहां खींच लायी है।
New Radio Jimmc Kanpur कम्युनिकेशन के मायने
न्यू रेडियो पर तीन माह के सर्टिफिकेट कोर्स के शुभारंभ के अवसर पर RJ रघु रफ्तार ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आप जिस संस्थान में ये कोर्स करने जा रहे हैं यहां की फैकल्टी के बारे में क्या कहूं। यहां की फैकल्टी में एक ऐसा डिवोशन है जिसमें आपको घर जैसा माहौल मिलेगा। आप यहां सीखने आए हैं तो मैं ये कहूंगा इसे आप एक बिना पैसे की नौकरी की तरह लें जिसमें आपको खुलकर काम करने और सीखने का पूरा मौका मिलेगा। आप यहां से गले तक नॉलेज लेकर निकलना। और इस संस्थान को कुछ ऐसा देकर भी जाना जो आने वाले अगले बैच के छात्रों के लिए नजीर बने।
रेडियो लिंगयास के अनुभव
RJ रघु रफ्तार ने कहा कि जब मैं सीख रहा था तो वहां स्टूडियो में धूल गर्दा जमा था। मैने स्टूडियो को साफ किया। मशीनों को समझा। प्रोग्राम बनाया। स्पीकर कैसे रखे जाते हैं इसे समझा। रेडियो लिंगयास आज भी चल रहा है।
कोर्स का महत्व
आरजे Raghu Raftaar ने छात्रों से कहा आप यहां खूब अभ्यास करना अपना पूरा स्टफ यहां देना ये चिंता मत करना कि जॉब कैसे मिलेगी। आपका काम आपकी मेहनत आपकी आवाज अपने आप बोलती है। आप को अहसास भी नहीं होगा कि कहां से कौन आपको वाच कर रहा है। जो यहां के प्रोफेसर्स से कहेगा कि इस बच्चे को हमें दे दें।
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डायरेक्टर डा. उपेंद्र ने क्या कहा
जेआईएमएमसी के डायरेक्टर डा. उपेंद्र ने कहा उन्होंने पत्रकारिता के करियर की शुरुआत में पहली इंटर्नशिप आकाशवाणी में की थी। उन्होंने कहा कि फेस तो उम्र के साथ बदलता रहेगा लेकिन आवाज की पहचान हमेशा बनी रहने वाली है। टेक्नालाजी बदलती रहेगी। आपको नाचो नाचो करना हो या वायस ओवर करना हो। आवाज दिल से निकलनी चाहिए। जीवन के किसी क्षेत्र में आप जाएं चाहे वह पीआर हो, या राजनेता बनना हो, या वकालत करनी हो, डाक्टर का पेशा हो अध्यापक का पेशा हो आपकी आवाज का महत्व हमेशा बना रहेगा। किसी भी तरह के संवाद के लिए आपको अपनी आवाज को पहचानना होगा।
इस मौके पर छात्रों ने आरजे रघु से सवाल भी पूछे जिसके उन्होंने जवाब भी दिये। इस मौके पर एसोसिएट प्रोफेसर रामकृष्ण वाजपेयी, असिस्टेंट प्रोफेसर धीरज शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर रामजी बाजपेयी और ग्राफिक डिजाइनर एंड कापी एडिटर अक्षिता वर्मा उपस्थित रहीं।