MDH Everest: भारतीयों को बनाया नीलकंठ, विदेशी हुए भयभीत, सरकार जुटी जांच में
MDH Everest: हर घर की रसोई में ये दो भारतीय ब्रांड MDH Everest बड़े चाव से इस्तेमाल किये जाते हैं। इन दोनों ब्रांड कंपनियों की रसोई में लगभग हर डिश में इस्तेमाल होने वाले मसालों की खूबसूरत पैकिंग लुभाती है। इनके प्रचार प्रसार और विज्ञापन का असर इतना अधिक हुआ कि घरों में हल्दी धनिया गरम मसाले काली मिर्च आदि सिलबट्टे से पीसे जाने बंद हो गए। बाजार में खुले में खुदरा मसाले खरीदने वाले को हेय दृष्टि से देखा जाने लगा। बच्चों की डिमांड पर माता पिता ने हथियार डाल दिये और लगभग हर घऱ में इन दो ब्रांडों की पैठ हो गई। लेकिन झटका तब लगा जब विदेशी इन मसालों की तासीर देख कर भाग खड़े हुए। आइए जानते हैं पूरी कहानी।
MDH Everest: भारतीयों को बनाया नीलकंठ
भारत में रसोई में खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले इन मसालों का इस्तेमाल करने वालों को शायद इस सचाई का कभी पता नहीं चलता कि एमडीएच और एवरेस्ट ने भारतीयों को नीलकंठ यानी शिव बना दिया है शिव ने तो हालाहल यानी विष को इस सृष्टि को बचाने के लिए पिया था लेकिन लगता है इन दो कंपनियों ने अपने मुनाफे के लिए भारतीयों को नीलकंठ बनाने की ठान ली। ताजा जांच के बाद सभी भारतीय अपने मसालों के बारे में सोचने लगे हैं।
kitchen spices का खौफनाक सच
जब स्वादिष्ट व्यंजनों की बात आती है, तो हमारे यहां सदियों से इस्तेमाल होने आ रहे मसालों का मिश्रण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये मसाले न सिर्फ व्यंजनों को स्वादिष्ट बनाने में मददगार होते हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर हैं. लेकिन, अगर आपको पता चले कि ये पैकेटबंद मसाले कैंसर का कारण भी बन सकते हैं तो क्या होगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगापुर के बाद अब हांगकांग ने भी लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच प्राइवेट लिमिटेड की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दोनों ब्रांड खराब
इससे पहले एवरेस्ट फ़ूड प्रोडक्ट्स प्रा. के कई मसाला मिश्रणों में कार्सिनोजेनिक कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड मिला था।
पिछले हफ्ते सिंगापुर ने एवरेस्ट के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की थी, जिसमें अनुमन्य सीमा से अधिक स्तर पर एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी का आरोप लगाया गया था।
ये मसाले हैं खतरनाक
हांगकांग सरकार के मुताबिक कि कई मसालों में एमडीएच समूह के तीन मसाला मिश्रण – मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और करी में एथिलीन ऑक्साइड की उपस्थिति थी। जांच में पता चला कि इन मसालों के लिए गए नमूनों में कीटनाशक, एथिलीन ऑक्साइड था। इसके बाद इस मसाले को दुकानों से हटा दिया गया। एवरेस्ट ग्रुप के फिश करी मसाला में भी कीटनाशक पाया गया।
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एथिलीन ऑक्साइड को इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जिसमें स्तन कैंसर का खतरा भी शामिल है।