मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म में क्या अंतर है?

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अक्सर लोग मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म को एक ही चीज समझते हैं। इन दोनों में ज्यादातर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं, लेकिन दोनों में काफी फर्क है और एक दूसरे से रिलेटेड हैं। चलिए अब हम आपको मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म में क्या अन्तर होता है इसके बारे में बताते हैं।
मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म में मुख्य अंतर यह है कि जर्नलिज्म जो है ये मास कम्युनिकेशन का एक भाग है।
मास कम्युनिकेशन जनसंचार माध्यमों के द्वारा सूचनाओं के आदान- प्रदान करने की प्रक्रिया है। इसके द्वारा हम बहुत बड़ी संख्या में लोगों से कम्यूनिकेट करते हैं। मास कम्युनिकेशन में पूरी मीडिया इंडस्ट्री शामिल है, जैसे कि टीवी, रेडियो, फिल्म, पब्लिक रिलेशन, जर्नलिज्म एडवरटाइजिंग, एवं, कम्युनिकेशन के सारे माध्यम इसके अंतर्गत आते हैं। मास कम्युनिकेशन में सूचना और मनोरंजन, एजुकेशन के सभी साधन आते हैं और जर्नलिज्म में सिर्फ सूचना के साधन ही आते हैं।वही जर्नलिज्म में पूरी मीडिया इंडस्ट्री नही आती है। इसमें सिर्फ सूचना यानी कि खबरों से सम्बंधित है कार्य, जिसमे कि न्यूज रिपोर्टिंग, एडिटिंग और पब्लिशिंग शामिल होता है। जर्नलिज्म के तीन मुख्य भाग हैं- प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया।
मास कम्युनिकेशन में कैरियर के ऑप्शन की बात करें तो इस कोर्स के बाद आप फिल्म और टीवी सीरियल इंडस्ट्री में वीडियो एडिटर, असिस्टेंट डायरेक्टर, स्क्रीन प्ले राइटर, सिनेमेटोग्राफर तौर पर काम कर सकते हैं। इसमें आप एडवरटाइजिंग, पब्लिक रिलेशन, मार्केटिंग, इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में भी जॉब कर सकते हैं। न्यूजपेपर, टीवी चैनल्स, रेडियो, डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म जैसे कि न्यूज पोर्टल या वेब पोर्टल में आप न्यूज रिपोर्टर, एडिटर, कंटेंट राइटर के के रुप में कार्य कर सकते हैं।

मास कम्युनिकेशन कोर्स के बाद आप पत्रकारिता और मास कम्युनिकेशन दोनो के क्षेत्र में जॉब कर सकते हैं, लेकिन जर्नलिज्म कोर्स के बाद आप सिर्फ न्यूज इंडस्ट्री में ही काम कर सकते है।

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