Uttarakhand Forest Fire: आग ही आग, सुलग रहा उत्तराखंड, बेकाबू हो रहे हालात
Uttarakhand Forest Fire: धधक रहा है उत्तराखंड। विकराल हो रही है कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में लगी जंगल की आग । 27 अप्रैल को को पहाड़ी राज्य के कुमाऊं मंडल के नैनीताल के जंगल में आग लगी थी जिसे बुझाने के लिए वायु सेना को बुलाना पड़ा था। जंगल की आग अभी पुरी तरह बुझ भी नहीं पाई थी कि पिछले 24 घंटों में 43 नई जगहों पर आग लगने की घटनाएं सामने आ गई हैं।
उत्तराखंड (Uttarakhand Forest Fire) जिसे हम देवभूमि के रूप में धार्मिक कारणों से जानते हैं वर्तमान में जंगलों में लगी आग बुझाने में जुटा हुआ है। आग लगने की घटनाओं से लगभग 62 हेक्टेयर वन्य क्षेत्र में नुकसान हुआ है। राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों और कुमाऊं के झील शहर यानी नैनीताल के जंगलों में लग रही आग की घटनाओं ने खतरे की घंटी बजा दी है। लोग ऊपरी इलाकों से नीचे उतरने लगे हैं।
Uttarakhand Forest Fire चपेट में आई शहरी व ग्रामीण आबादी
सबसे बड़ी खबर ये है कि जंगल की आग की लपटें नैनीताल के रिहायशी इलाके हाईकोर्ट कालोनी तक पहुंच गई हैं। जंगलों की आग गांवों की ओर बढ़ रही है लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। मोटे तौर पर कहा जा सकता है कि कुमाऊं और गढ़वाल मंडल में कोई ऐसा जिला नहीं बचा है जो जंगल की आग की चपेट में न हो। जानते हैं गर्मी की इसमें क्या भूमिका है।
सूरज की गर्मी और नमी गायब होना बड़ी वजह
सर्दियों का मौसम खत्म होने के बाद जब सूरज उत्तरायण में अग्रसर होते हुए अपना प्रचंड तेज दिखलाते हैं तो वातावरण से नमी तेजी से भाप बनकर उड़ जाती है जिसके चलते मार्च, अप्रैल और मई के माह में भारत में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं।
Forest Fireसेना को उतारा गया
अब उत्तराखंड के जंगलों में लगी है भीषण आग। कुमाऊँ के जंगलो की आग थमने का नाम नही ले रही है। सेना और वायुसेना की मदद ली जा रही है। झीलू से पानी लेकर हेलिकाप्टर के जरिये छिड़काव कर आग बुझाने के प्रयास किये जा रहे हैं। आसपास का पूरा इलाका धुएं से घिरा हुआ है। लोग भयभीत हैं। लोग भयभीत हैं। पेड़ पौधे जलकर खाक हो रहे हैं।
जी हां। यह वही उत्तराखण्ड है जो मार्च तक ठण्ड से कंपकंपाता है। अप्रैल आते आते Uttarakhand Fire आग से धधकने लगता है। जंगल की आग को कैसे काबू किया जाए इसके लिए अभी तक कोई कारगर योजना नहीं बन सकी है। उपलब्ध इतिहास के मुताबिक 1921 से आग लगने का सिलसिला बना हुआ है
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ये जिले हैं चपेट में
राज्य के गढ़वाल मंडल में पौडी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और देहरादून में जंगल सुलग रहे हैं। कुमाऊं मंडल में नैनीताल, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत आग से प्रभावित हैं
Uttarakhand Fire को लेकर आ रही रिपोर्टों के मुताबिक साढे चार सौ एकड़ से अधिक क्षेत्र आग की चपेट में है। वन्य जीवों और पालतू मवेशियों के लिए भी आग काल बन गई है। ग्रामीणों को सबसे ज्यादा मुश्किल अपने जानवरों को बचाने में आ रही है। वैसे गर्मियो के दिनों में आग लगना कोई हैरानी की बात नहीं है। लेकिन उत्तराखंड के जंगलो Uttarakhand Forest Fire में आग लगने की घटनाएं साल दर साल बढ़ रही हैं। इससे सवाल खड़े होना लाजमी है। दोनों मंडलों में हर जुबां पर एक ही सवाल इस आग का जिम्मेदार कौन ???
मानवी श्रीवास्तव रिपोर्ट